
वरिष्ठ के पद पर कनिष्ठ का कब्जा होगा खत्म
भोपाल: 7 अप्रैल 2025
रिपोर्ट: पंकज सिंह भदौरिया (वरिष्ठ पत्रकार)
मध्य प्रदेश के आबकारी विभाग में जल्द ही बड़े पैमाने पर फेरबदल हो सकता ह। कई जिले ऐसे है जहां वरिष्ठ अधिकारियों के स्थान पर सांठगांठ के चलते कनिष्ठ अधिकारियों ने अपना कब्जा जमा रखा है। इनको जल्द ही हटाया जा सकता है यानि प्रभार की प्रथा अब खत्म होगी। उच्च स्तर पर हुई शिकायतों के बाद खुलासा हुआ कि कई कनिष्ठ अधिकारी, जैसे कि सहायक जिला आबकारी अधिकारी और , जिला आबकारी अधिकारी जैसे महत्वपूर्ण पदों की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। अभी तक यह प्रभार की प्रभा राजनैतिक संरक्षण और उच्च अफसरों द्वारा अपने चहेतों को पदस्थ करने के कारण चल रही है।
दरअसल इस विभाग में कमीशन का खेल होना आम बात ह। वरिष्ठ के स्थान पर कनिष्ठ की पदस्थापना इसी शर्त पर होती है कि कहीं न कहीं कमीशन का बडृा हिस्सा उऊपर तक जाना है। विभाग के उच्च पदस्थ सूत्रों की मानें तो, तबादलों के लिए कुछ प्रमुख मानदंड तय किए गए हैं। इनमें सबसे महत्वपूर्ण यह है कि जिन अधिकारियों ने किसी एक जिले में तीन साल से अधिक का कार्यकाल पूरा कर लिया है, जैसे होशंगाबाद,छतरपुर,झाबुआ, टीकमगढ़, खण्डवा, जैसे जिलो में स्थानांतरण निश्चित रूप से होना तय है।
खराब परफॉर्मेंस वालों की होगी रवानगी :
इसके अतिरिक्त, उन जिलों के अधिकारियों पर भी गाज गिर सकती है जहां विभाग का प्रदर्शन संतोषजनक नहीं रहा है। जैसे छिंदवाड़ा,बड़वानी, राजगढ़, और विदिशा जिलों को इस कैटागिरी माना जा रहा है ऐसे अधिकारियों को उनके वर्तमान पद से हटाया जा सकता है और उनको उनके मूल पद वाले स्थान पर शिफ्ट किया जाएगा।
अफसर के रिटायरमेंट के बाद जूनियर संभाल रहे हैं जिला
विभाग में अधिकारियों की कमी भी एक बड़ा कारण है जिसके चलते यह फेरबदल किया जा रहा है। जानकारी के अनुसार, प्रदेश के कई जिलों के जिला आबकारी अधिकारी सेवानिवृत्त हो चुके हैं, इसमें शिवपुरी, नरीसिंहपुर, अलीराजपुर,सहित कई जिले शामिल है जिससे नए अधिकारियों की नियुक्ति आवश्यक हो गई है। इस तबादला प्रक्रिया के माध्यम से इन रिक्त पदों को भी भरा जाएगा।
आबकारी विभाग में इस संभावित बड़े फेरबदल को लेकर कर्मचारियों में चचार्ओं का बाजार गर्म है। माना जा रहा है कि इस कदम से विभाग की कार्यप्रणाली में सुधार आएगा और वरिष्ठ पदों पर योग्य अधिकारियों की नियुक्ति हो सकेगी। हालांकि, अभी तक विभाग की ओर से आधिकारिक तौर पर कोई बयान जारी नहीं किया गया है, लेकिन अंदरखाने तबादलों की तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि इस फेरबदल से विभाग की कार्यशैली पर क्या प्रभाव पड़ता है।
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