
राष्ट्रीय बालिका दिवस पर बालिका सुरक्षा हेतु सृजन अभियान सामुदायिक पुलिस योजना में योगदान देने वाले पुलिस कर्मी हुए सम्मानित
भोपाल: 24 जनवरी 2025
सामुदायिक पुलिसिंग विभाग पुलिस मुख्यालय के तत्वावधान में आज 24 जनवरी राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर क्षेत्रीय विज्ञान केंद्र के सभागार में अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (सामुदायिक पुलिसिंग) श्रीमती मीनाक्षी शर्मा के मुख्य आतिथ्य में एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में विभिन्न विभागों, संगठनों और संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। इनमें पुलिस विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ-साथ यूनिसेफ, आरंभ संस्था और अन्य गैर-सरकारी संगठनों के प्रमुख सदस्य शामिल थे। साथ ही इस कार्यक्रम में सृजन अभियान के तहत 500 से अधिक बालक-बालिकाओं ने भाग लिया।
इस अवसर पर श्रीमती मीनाक्षी शर्मा ने बालिकाओं और महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए शिक्षा और आर्थिक आत्मनिर्भरता के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि हर दिन बालिका दिवस होना चाहिए, और किसी भी बालिका या महिला के साथ हिंसा या भेदभाव नहीं होना चाहिए। महिलाओं की क्षमता का सम्मान कर उनके सशक्तिकरण को प्राथमिकता देने की आवश्यकता है।
मार्शल आर्ट और सांस्कृतिक प्रस्तुतियां
कार्यक्रम में बालक-बालिकाओं द्वारा मार्शल आर्ट का प्रदर्शन किया गया, जिसमें आत्मरक्षा के महत्व को रेखांकित किया गया। साथ ही, नाटक, गीत-संगीत और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के माध्यम से यह संदेश दिया गया कि शिक्षा और तकनीकी कौशल के जरिए आत्मनिर्भरता और विकास प्राप्त किया जा सकता है।
सामुदायिक पुलिसिंग और जागरूकता अभियान
पीएसओ टू डीजीपी श्री विनीत कपूर ने सामुदायिक पुलिसिंग के महत्व पर प्रकाश डालते हुए बताया कि पुलिस और आम जनता के बीच समन्वय स्थापित कर सामाजिक बदलाव लाया जा सकता है। यूनिसेफ और अन्य संस्थाओं के सहयोग से पुलिस द्वारा चलाए जा रहे जागरूकता अभियानों की सराहना की गई।
तकनीकी और वैज्ञानिक जागरूकता पर जोर
कार्यक्रम के दौरान क्षेत्रीय विज्ञान केंद्र के माध्यम से बालक-बालिकाओं को वैज्ञानिक और तकनीकी जानकारी प्रदान करने की योजना पर चर्चा हुई। भविष्य में, ऐसे कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे जो बच्चों को तकनीकी रूप से सक्षम बनाकर आत्मनिर्भर बनाने में मदद करेंगे।
पुलिसकर्मियों और एनजीओ का सम्मान
इस अवसर पर विभिन्न पुलिसकर्मियों और सहयोगी संस्थाओं को उनके योगदान के लिए सम्मानित किया गया। उन्हें प्रोत्साहित करते हुए यह आह्वान किया गया कि वे सामाजिक कार्यक्रमों में सक्रिय भागीदारी निभाएं और “सशक्त समाज, सुरक्षित शहर” की परिकल्पना को साकार करें।इस कार्यक्रम में सूबेदार ऋतुराज, उपनिरीक्षक अर्चना तिवारी सहित १७ पुलिस कर्मी सम्मानित किए गये। समाज कार्य करने वाली संस्थाओं ने पुलिस के सम्मान करते हुए उन्हें जानता और पुलिस की दूरी कम करने वाले आदर्श पुलिस कर्मियों के रूप में सम्मानित किया । भाग लेने वाली कमजोर वर्ग की बस्तियों से आने वाली बालिकाओं ने बताया की की यह पुलिस कर्मी उन की सुरक्षा के लिए हमेशा तत्पर रहते है आज उन के कारण उन को अपने स्कूल कॉलेज निर्भीक हो कर जाने और अपने सेल्फ कॉन्फिडेंस मैं बढ़ोतरी महसूस हुई हुई है ॥ उन्होंने बताया कि डायल १०० की सर्विस भी और प्रभावी हुई है और इनको थाने से हमेशा मदद मिलने लगी गई है । उनके क्षेत्रों में महिलाओं और बचो के ख़िलाफ़ अपराध भी कम हुए हैं।
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