एम्स भोपाल में नर्सिंग कॉलेज ने ऑडियो-विज़ुअल प्रदर्शनी के माध्यम से जलवायु परिवर्तन और स्वास्थ्य देखभाल में स्थिरता पर दिया जोर

भोपाल: 8 मार्च 2025

एम्स भोपाल के कार्यपालक निदेशक प्रो. (डॉ.) अजय सिंह के मार्गदर्शन में, एम्स भोपाल के नर्सिंग कॉलेज ने “जलवायु परिवर्तन: स्वास्थ्य देखभाल पेशेवरों के माध्यम से त्वरित कार्रवाई” विषय पर एक ऑडियो-विज़ुअल प्रदर्शनी का आयोजन किया, जो अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 2025 के उपलक्ष्य में आयोजित की गई। इस कार्यक्रम का उद्देश्य स्वास्थ्य देखभाल पेशेवरों को शिक्षित और प्रेरित करना था ताकि वे जलवायु-सम्बंधित स्वास्थ्य चुनौतियों का समाधान करने के लिए सक्रिय कदम उठा सकें। इस प्रदर्शनी में प्रोजेक्टेड और नॉन-प्रोजेक्टेड ऑडियो-विज़ुअल साधनों का उपयोग किया गया। इस प्रदर्शनी का उद्घाटन प्रो. (डॉ.) रजनीश जोशी, डीन (अकादमिक), प्रो. (डॉ.) वैशाली वालके, डीन (परीक्षा), डॉ. सैकत दास, एसोसिएट डीन (नर्सिंग और संबद्ध स्वास्थ्य विज्ञान), डॉ. ममता वर्मा, प्रभारी प्राचार्य और नर्सिंग कॉलेज के अन्य प्रतिष्ठित संकाय सदस्य व छात्र उपस्थित रहे। अपने संबोधन में, प्रो. (डॉ.) रजनीश जोशी ने इस बात पर जोर दिया कि जलवायु परिवर्तन एक उभरता हुआ वैश्विक स्वास्थ्य संकट है और नर्सिंग छात्रों को अपने पेशेवर दायित्वों में जलवायु परिवर्तन के प्रति जागरूकता फैलाने में अग्रणी भूमिका निभानी चाहिए। डॉ. सैकत दास ने सतत स्वास्थ्य देखभाल समाधानों को प्राप्त करने में अंतरविषयक सहयोग और नीति-निर्माण के महत्व पर प्रकाश डाला। डॉ. ममता वर्मा ने सभी गणमान्य व्यक्तियों और प्रतिभागियों का गर्मजोशी से स्वागत किया। इस प्रदर्शनी का सफल समन्वय डॉ. लिली पॉडर और श्रीमती गीता भारद्वाज द्वारा किया गया, जिनके साथ अन्य प्रतिष्ठित संकाय सदस्यों ने भी स्वास्थ्य देखभाल पेशेवरों द्वारा जलवायु कार्रवाई को बढ़ावा देने के तरीकों पर मूल्यवान अंतर्दृष्टि साझा की। इस कार्यक्रम में लगभग 250 स्वास्थ्य पेशेवरों, नर्सिंग छात्रों और अस्पताल के नर्सिंग कर्मियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।

ऑडियो-विज़ुअल प्रदर्शनी में प्रथम वर्ष के एम.एससी. नर्सिंग छात्रों द्वारा तैयार की गई रचनात्मक और आकर्षक प्रस्तुतियाँ शामिल थीं। इस प्रदर्शनी में प्रोजेक्टेड ए.वी. साधनों जैसे कि पावरपॉइंट प्रेजेंटेशन, एनीमेटेड वीडियो, और डिजिटल इन्फोग्राफिक्स के माध्यम से जलवायु परिवर्तन के मानव स्वास्थ्य और स्वास्थ्य प्रणाली पर प्रभावों को दर्शाया गया। साथ ही, नॉन-प्रोजेक्टेड ए.वी. साधनों जैसे कि पोस्टर, मॉडल, चार्ट, और इंटरैक्टिव प्रदर्शनी द्वारा पर्यावरण-अनुकूल स्वास्थ्य देखभाल समाधानों और सतत प्रथाओं को प्रस्तुत किया गया। प्रदर्शनी के दौरान कवर किए गए प्रमुख विषयों में जलवायु परिवर्तन की अवधारणा और कारण, जलवायु परिवर्तन के कारण उत्पन्न वैश्विक और राष्ट्रीय चुनौतियाँ, जलवायु कार्रवाई के लिए उठाए गए विभिन्न कदम, जलवायु कार्रवाई में महिलाओं और स्वास्थ्य देखभाल पेशेवरों का योगदान, और स्वास्थ्य देखभाल पेशेवरों की सतत एवं पर्यावरण-अनुकूल प्रथाओं की जिम्मेदारी शामिल थीं। इस प्रदर्शनी ने छात्रों, संकाय सदस्यों और उपस्थित दर्शकों को विचारों के आदान-प्रदान, प्रश्न पूछने और स्थायी स्वास्थ्य देखभाल के लिए वास्तविक समाधान तलाशने के लिए एक इंटरैक्टिव मंच प्रदान किया।

इस आयोजन के महत्व पर प्रकाश डालते हुए, प्रो. (डॉ.) अजय सिंह ने कहा, “जलवायु परिवर्तन केवल एक पर्यावरणीय चिंता नहीं है, बल्कि यह एक गंभीर स्वास्थ्य संकट है, जिसे तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है। सतत स्वास्थ्य देखभाल प्रथाओं को अपनाने में नर्सिंग और संबद्ध स्वास्थ्य विज्ञान की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस प्रदर्शनी के माध्यम से, एम्स भोपाल जलवायु संबंधी स्वास्थ्य चुनौतियों से प्रभावी रूप से निपटने के लिए भविष्य के स्वास्थ्य पेशेवरों को जागरूक बनाने और आवश्यक ज्ञान एवं कौशल प्रदान करने की अपनी प्रतिबद्धता को दोहराता है।”