
भोपाल: 10 अप्रैल 2025
एम्स भोपाल के कार्यपालक निदेशक प्रो. (डॉ.) अजय सिंह के मार्गदर्शन में एम्स भोपाल ने 10 अप्रैल को विश्व होम्योपैथी दिवस मनाया, जो होम्योपैथिक चिकित्सा प्रणाली के संस्थापक डॉ. सैमुअल हैनीमैन की जयंती के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। यह वार्षिक आयोजन समकालीन स्वास्थ्य प्रणालियों में एक समग्र उपचार पद्धति के रूप में होम्योपैथी की निरंतर प्रासंगिकता और योगदान को रेखांकित करता है। एम्स भोपाल में, आयुष विभाग के अंतर्गत होम्योपैथी इकाई त्वचा रोग, बाल रोग, एलर्जी संबंधी विकार, प्रोस्टेट वृद्धि और मानसिक स्वास्थ्य संबंधित रोगों सहित विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं के लिए उच्च गुणवत्ता वाली देखभाल प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। यह इकाई धन्वंतरि भवन में कार्य कर रही है और रोगियों को व्यक्तिगत चिकित्सा देखभाल प्रदान करती है। इष्टतम परिणामों के लिए यह आधुनिक चिकित्सा पद्धतियों के साथ होम्योपैथिक उपचार को एकीकृत कर रही है।
होमियोपैथी यूनिट ने अन्य चिकत्सा विभागों के सहयोग से कई महत्वपूर्ण शोध पर पहल की हैं। डॉ. आशीष कुमार दीक्षित के अनुसार, वर्तमान में ईएनटी विभाग (डॉ. अंजन कुमार साहू) के सहयोग से एलर्जिक राइनाइटिस पर दो प्रमुख अध्ययन किए जा रहे हैं, जिसमें 200 से अधिक रोगी शामिल हैं। इन अध्ययनों के प्रारंभिक निष्कर्ष बहुत उत्साहजनक हैं, जो एलर्जिक राइनाइटिस के प्रबंधन में होम्योपैथी की एक आशाजनक भूमिका का सुझाव देते हैं। जनरल सर्जरी विभाग (डॉ. मूरत सिंह यादव) के सहयोग से एनल फिशर पर 34 रोगियों को शामिल करते हुए एक और अध्ययन सफलतापूर्वक पूरा किया गया है। परिणाम एनल फिशर मामलों में दर्द को कम करने तथा घाव भरने में होम्योपैथी के पक्ष में हैं। यह अध्ययन जल्द ही एक अंतरराष्ट्रीय पत्रिका में प्रकाशित होने वाला है। इसके अतिरिक्त, 100 से अधिक रोगियों को शामिल करते हुए टीनिया संक्रमण पर एक पूर्ण अध्ययन ने सकारात्मक परिणाम दिखाए हैं, जो पुरानी त्वचा की स्थितियों में होम्योपैथिक हस्तक्षेप की उपयोगिता को और अधिक मान्य करता है। इसके अतिरिक्त बायोकेमिस्ट्री विभाग (डॉ सुखेस मुख़र्जी) के साथ फैटी लिवर के प्रबंधन में होम्योपैथिक दवाओं की भूमिका सम्बन्धी पूर्व-नैदानिक अनुसन्धान भी शुरू होने वाला है। भविष्य को देखते हुए, विभाग प्रोस्टेट वृद्धि सम्बंधित रोग और मानसिक विकारों के प्रबंधन के लिए अन्य विभागों के साथ सहयोगी अनुसंधान की योजना भी बना रहा है, जिसका लक्ष्य एकीकृत देखभाल के दायरे और प्रभाव का विस्तार करना है।
इस अवसर पर प्रो. डॉ. अजय सिंह ने समग्र स्वास्थ्य देखभाल को आगे बढ़ाने के लिए संस्थान की की प्रतिबद्धता को रेखांकित किया। उन्होंने कहा, “हमारा लक्ष्य प्रत्येक चिकित्सा विज्ञान की शक्तियों का उपयोग करके व्यापक, रोगी-केंद्रित स्वास्थ्य सेवा प्रदान करना है। हमारा मानना है कि प्रत्येक प्रणाली में विशिष्ट स्वास्थ्य चुनौतियों का समाधान करने की अद्वितीय क्षमता है। एम्स भोपाल में, हम आयुष में अधिक बहु-विषयक अनुसंधान को प्रोत्साहित कर रहे हैं ताकि मजबूत नैदानिक साक्ष्य उत्पन्न हो सकें और हमारे रोगियों को उपलब्ध देखभाल की गुणवत्ता में वृद्धि हो सके।” सभी रोगियों का ओपीडी 01 ( होम्योपैथी इकाई, आयुष विभाग, धन्वंतरि भवन, एम्स भोपाल) में सेवाओं का लाभ उठाने के लिए स्वागत है। इस विश्व होम्योपैथी दिवस पर, हम समग्र उपचार के सिद्धांतों को अपनाने वाली सुरक्षित और प्रभावी देखभाल प्रदान करने की अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हैं।
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