एम्स भोपाल में मनाया गया फार्माकोलॉजी स्थापना दिवस

भोपाल: 17 अप्रैल 2025

एम्स भोपाल के कार्यपालक निदेशक प्रो. (डॉ.) अजय सिंह के मार्गदर्शन में फार्माकोलॉजी विभाग द्वारा स्थापना दिवस कार्यक्रम का आयोजन उत्साहपूर्वक किया गया। इस कार्यक्रम में विभाग की उपलब्धियों को प्रस्तुत करते हुए सुरक्षित और वैज्ञानिक तरीके से औषधियों के उपयोग को बढ़ावा देने की दिशा में की गई पहलों पर प्रकाश डाला गया। फार्माकोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ. बालाकृष्णन एस. ने विभाग की वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत की और बीते वर्ष की प्रमुख उपलब्धियों की जानकारी दी। उन्होंने फार्माकोविजिलेंस (औषधि सुरक्षा निगरानी), मटेरियोविजिलेंस (चिकित्सा उपकरण सुरक्षा निगरानी), प्रिस्क्रिप्शन ऑडिट (नुस्खा जांच), आउटरीच गतिविधियों (जन जागरूकता कार्यक्रम) और राष्ट्रीय फार्मक्विज़ (ज्ञान प्रतियोगिता) जैसी विभिन्न पहलों के माध्यम से विभाग की सक्रिय भूमिका को रेखांकित किया। 2025 में सफलतापूर्वक आयोजित अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन SoPICON 2025, विभाग का प्रथम न्यूज़लेटर, और 30 मौखिक व पोस्टर प्रस्तुतियाँ उल्लेखनीय रही।

फार्माकोलॉजी विभाग के डॉ. अजय शुक्ला और डॉ. अहमद नाजमी को उनके इंट्राम्यूरल प्रोजेक्ट्स के लिए सम्मानित किया गया। प्रो. (डॉ.) शिल्पा कौर को 2024 में एमिटी विश्वविद्यालय, ग्वालियर में मौखिक प्रस्तुति के लिए प्रथम पुरस्कार मिला। डॉ. ऋषिका को उनके थीसिस हेतु ICMR पुरस्कार और डॉ. गोकुल को शोध के लिए इंट्राम्यूरल ग्रांट प्राप्त हुआ। फैकल्टी प्रो. (डॉ.) रतींदर झाज को ISoP 2024, कनाडा में इको-फार्माकोविजिलेंस पर व्याख्यान हेतु आमंत्रित किया गया। डॉ. शुभम अटल को हार्वर्ड मेडिकल स्कूल, बॉस्टन में डिप्रेशन में प्रिसीजन मेडिसिन पर व्याख्यान हेतु आमंत्रित किया गया। विभाग ने शैक्षिक विस्तार में भी प्रगति की है, जिसमें पीएचडी स्कॉलर और डीएम क्लिनिकल फार्माकोलॉजी के नामांकन में वृद्धि शामिल है। डॉ. बालाकृष्णन ने आगामी वर्ष के लिए नए लक्ष्यों को भी रेखांकित किया।

इस अवसर पर प्रो. सिंह ने कहा, “इस प्रकार के आयोजन हमारे युवा चिकित्सा पेशेवरों में वैज्ञानिक सोच को विकसित करने और विवेकपूर्ण औषधि-निर्धारण कौशल को प्रोत्साहित करने में अत्यंत सहायक हैं। फार्माकोलॉजिस्ट की भूमिका रोगियों की सुरक्षा एवं प्रभावी उपचार सुनिश्चित करने में अत्यंत महत्वपूर्ण है।” इस अवसर पर मुख्य वक्ता के रूप में डॉ. विक्रम गोटा (टाटा मेमोरियल सेंटर के क्लीनिकल फार्माकोलॉजी विभाग के प्रोफेसर) ने “क्लीनिकल फार्माकोलॉजिस्ट्स- कैंसर देखभाल में ला रहे बदलाव” विषय पर एक महत्वपूर्ण व्याख्यान प्रस्तुत किया। उन्होंने कैंसर उपचार में फार्माकोलॉजिस्ट्स की भूमिका एवं भविष्य की संभावनाओं पर प्रकाश डाला। उनके व्याख्यान के पश्चात अंडरग्रेजुएट एवं पोस्टग्रेजुएट छात्रों के साथ एक संवादात्मक सत्र भी आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में संस्थान के फैकल्टी सदस्यों, रेजिडेंट डॉक्टरों, शोधार्थियों एवं अंडरग्रेजुएट छात्रों के साथ-साथ राज्य के विभिन्न मेडिकल कॉलेजों के प्रतिभागियों ने भी भाग लिया।