
भोपाल: 15 अप्रैल 2025
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मध्य प्रदेश के विदिशा ज़िले में डिजिटल एग्रीकल्चर मिशन के तहत बनवाई अपनी किसान आईडी। डिजिटल एग्रीकल्चर मिशन के तहत शिवराज सिंह ने अपनी किसान आईडी बनवाई।
इस मौके पर शिवराज सिंह ने कहा कि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार द्वारा डिजिटल कृषि मिशन की शुरुआत की गई है, मिशन का उद्देश्य किसानों को डिजिटल रूप से सशक्त, आत्मनिर्भर और तकनीक-सक्षम बनाना है। सभी किसानों की एक डिजिटल पहचान होगी, उनको फार्मर आईडी प्रदान की जाएगी, जिसमें किसानों की खेती संबंधी सभी जानकारियां एक ही स्थान पर रहेगी। केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह ने बताया कि, अभियान के तहत अब तक देश में 5.5 करोड़ से अधिक किसानों की आईडी बन चुकी, जिसमें म.प्र. के 78 लाख किसान शामिल, शिवराज सिंह ने किसानों से एक जगह सारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए किसान आईडी बनवाने की अपील की है, उन्होंने बताया कि इसमें किसानों की खेती संबंधी और सभी जानकारियां एक ही स्थान पर होगी, मतलब जमीन, कौन-सा रकबा है, उसके परिवार में कौन-कौन सदस्य हैं, उसने कौन-सी फसल बोई है, उसकी खेत की मिट्टी का स्वास्थ्य कैसा है, मिट्टी में कौन-कौन से तत्व हैं, सॉइल हेल्थ कार्ड की जानकारी उसके पास खेती के अलावा पशु धन या और कोई संपत्ति है तो उसकी जानकारी भी होगी और इसका सबसे बड़ा लाभ ये है कि अभी हर योजना का लाभ लेने के लिए किसान को अलग-अलग जगह औपचारिकता पूरी करनी होती है। मान लीजिए फसल में नुकसान हो गया तो उसको बहुत से विवरण कार्यों में सबमिट करना पड़ता था, बैंक से लोन लेना है, कई दिन लगते थे कागज बनवाने में, फिर बैंक मैनेजर के पास ले जाने में कई दिक्कतों का सामना करना पड़ता था, लेकिन अब फार्मर आईडी में सारी जानकारी एक ही जगह होगी। केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि से सीधे खाते में पैसा आएगा, इसी तरह कुछ करने की जरूरत नहीं है, बैंकों से लोन लेना है 5 मिनट में फार्मर आईडी दिखाएगा सारा विवरण सामने आ जाएगा, बैंक लोन जल्दी स्वीकृत कर देंगे, कौन-सी फसल बोई है, से लेकर सारी जानकारी इस आईडी के माध्यम से रहेगी, फसल बीमा का लाभ भी तत्काल मिल जाएगा और सही व्यक्ति को मिलेगा,, शिवराज सिंह ने बताया कि खेती संबंधी और बाकी योजनाओं का लाभ भी किसानों तक ठीक ढंग से पहुंचे, इसलिए जरूरी है, कि किसान फार्मर आईडी बनवाएं, एक जगह सारा विवरण जिसे कोई इधर- उधर नहीं कर सकता, कई बार धन्ना की जमीन पन्ना के नाम हो जाती है, पता ही नहीं चलता, अब ये संभव ही नहीं है और ये फार्मर आईडी में जो जानकारी है, वो सब गोपनीय है, किसान चाहेगा तो ही साझा की जाएगी।
More Stories
*”भोपाल में लैंड जिहाद का आरोप” मंत्रियों और IAS अफसरों के बंगलों के नजदीक मजार बनाकर कब्जा*
कांग्रेस ने मप्र में जलसंकट पर सरकार को घेरा
एम्स भोपाल ने महिला सशक्तिकरण पर निबंध प्रतियोगिता के साथ मनाई अंबेडकर जयंती