
भोपाल: 7 अप्रैल 2025
लेख: राकेश शर्मा
इंदौर वासियों का सबसे बड़ा सपना इंदौर शहर में मेट्रो का चलना है।मध्य प्रदेश के कद्दावर मंत्री और इंदौर शहर के उन्नति और तरक्की के लिए हमेशा प्रयासरत रहने वाले कैलाश विजयवर्गीय के अथक प्रयासों से इंदौर वासियों का सबसे बड़ा यह सपना मेट्रो का जल्द पूरा होने वाला है। इंदौर वासियों को जल्दी ही मेट्रो की सौगात मिलेगी। इंदौर वासियों का मेट्रो का इंतजार अब खत्म होने वाला है।साथ ही इंदौर में पहले चरण में मेट्रो गांधीनगर स्टेशन से सुपर कॉरिडोर के स्टेशन नंबर तीन तक 5.9 किलोमीटर चलेगी। उज्जैन में होने वाले सिंहस्थ से पहले इंदौर मेट्रो को उज्जैन से जोड़ा जाएगा।यह इंदौर उज्जैन वासियों के लिए एक बड़ा तोहफा होगा। इससे इंदौर और उज्जैन शहरों के बीच कनेक्टिविटी बेहतर होगी और यात्रा का समय घटेगा। साथ ही इंदौर_उज्जैन आना जाना सुगम हो जाएगा।इंदौर उज्जैन मेट्रो के लिए 47 किलोमीटर का प्रस्ताव है।लगातार मॉनिटरिंग और अधिकारियों को निर्देशित कर इंदौर मेट्रो का काम जल्दी से जल्दी पूरा करने का बीड़ा कैलाश विजयवर्गीय ने बख़ूबी उठाया जिसके परिणाम हम सब के सामने है। आज इंदौर शहर मेट्रो की ओर बढ़ रहा है इसका श्रेय कैलाश विजयवर्गीय को जाता है।इंदौर मेट्रो के मास्टर प्लान के मुताबिक शहर में चार मेट्रो लाइन और दो स्पर्म होंगे।इंदौर मेट्रो का ज्यादातर काम पूरा हो गया है और बचे हुए काम पर तेजी से काम हो रहा है, जिसे जल्दी से जल्दी पूरा करने के लिए अधिकारी निरंतर डटे हुए हैं।इंदौर मेट्रो के प्लान के चरण एक में सात स्टेशन अंडरग्राउंड होंगे। इंदौर वासियों को मेट्रो का तोहफा मध्य प्रदेश की सरकार देने जा रही है।इस तोहफे के जनक कैलाश विजयवर्गीय हैं।इंदौर शहर जिस तरह से तेजी से बढ़ता जा रहा है उसमें यातायात के साधनों के लिए मेट्रो की सबसे ज्यादा आवश्यकता है। सरकार ने इसे दृष्टिगत रखते हुए मेट्रो का प्लान बनाया था क्योंकि इंदौर शहर की बढ़ती आबादी की आवश्यकता के लिए मेट्रो जरूरी थी जिसे पूरा करने का बीड़ा कैलाश विजयवर्गीय ने उठाया और इंदौर वासियों के सबसे बड़े सपने को साकार कर दिया। इसीलिए इंदौरवासी हमेशा कहते हैं कैलाश विजयवर्गीय है तो सब संभव है।
More Stories
वक्फ पर पाकिस्तान की टिप्पणी पर विदेश मंत्रालय का करारा जवाब
नेशनल हेराल्ड केस में सोनिया राहुल के खिलाफ चार्जशीट दायर, जानिए क्या है ये? इसकी पूरी जानकारी
केबिनेट में अन्नदाता किसानों के लिए नई नीति का फैसला