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भोपाल/प्रयागराज: 28 जनवरी 2025
मां गंगा, मां यमुना और अदृश्य मां सरस्वती के पवित्र संगम में श्रद्धा और आस्था से ओत-प्रोत साधु-संतो, श्रद्धालुओं, कल्पवासियों, स्नानार्थियों और गृहस्थों का स्नान मंगलवार को नए शिखर पर पहुंच गया। मौनी अमावस्या के अमृत स्नान से एक दिन पूर्व मंगलवार को करीब 5 करोड़ श्रद्धालुओं ने त्रिवेणी संगम में पावन डुबकी लगाई। यह महाकुम्भ में स्नानार्थियों की एक दिन में सर्वाधिक संख्या है। इसके साथ ही, महाकुम्भ में अब तक करीब 20 करोड़ लोगों ने स्नान कर लिया है।
महाकुंभ में 45 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु करेंगे स्नान
इससे पहले रविवार और सोमवार को भी 3 करोड़ से ज्यादा लोगों ने त्रिवेणी संगम में पावन स्नान किया था। योगी सरकार का अनुमान है कि मौनी अमावस्या पर 10 करोड़ और पूरे महाकुंभ में 45 करोड़ से ज्यादा लोग स्नान करेंगे। मंगलवार को रात 8 बजे तक 4.83 करोड़ लोगों ने स्नान कर लिया। यह अब तक की सर्वाधिक संख्या है। इससे पूर्व मकर संक्रांति पर 3.5 करोड़, पौष पूर्णिमा पर 1.7 करोड़, इसी रविवार को 1.74 करोड़ तो सोमवार को 1.55 करोड़ लोगों ने त्रिवेणी संगम में स्नान किया। इसमें 10 लाख कल्पवासियों के साथ-साथ देश विदेश से आए श्रद्धालु एवं साधु-संत शामिल रहे।
महाकुंभ का सबसे बड़ा अमृत स्नान
कल मौनी अमावस्या पर दुनिया के 72 देशों की कुल आबादी के बराबर लोगों के जुटने का अनुमान है
इतनी बड़ी भीड़ इससे पहले किसी कुम्भ, महाकुम्भ या दुनिया के किसी आयोजन में कभी नहीं जुटी
2011 में यूपी की कुल आबादी लगभग 20 करोड़ थी।
यूपी की कुल आबादी की आधी आबादी सिर्फ एक दिन में प्रयागराज में जुटेगी।
दिल्ली में कुल 1.55 करोड़ वोटर हैं, इससे 6 गुना ज़्यादा श्रद्धालु प्रयागराज में स्नान करेंगे।
पूर्वोत्तर के 7 राज्यों की कुल आबादी मिलकर लगभग 2 करोड़ है।
महाकुम्भ में कल मौनी अमावस्या के दिन पूर्वोत्तर के 7 राज्यों की कुल आबादी से 5 गुना ज़्यादा भीड़ संगम में डुबकी लगाएगी।
2011 की जनगणना के मुताबिक़ बिहार की कुल आबादी 10.40 करोड़ थी।
महाकुम्भ में मौनी अमवस्या के दिन पूरे बिहार की आबादी के बराबर श्रद्धालुओं के जुटने का अनुमान है।
श्रद्धालु ज्यादा देर तक घाटों पर ना रुकें
29 जनवरी को मौनी अमावस्या का मुख्य महापर्व है। अमावस्या आज देर शाम से ही लग रही है पर उदया तिथि में ये स्नान 29 को भोर से पूरे दिन चलेगा इसके लिए भक्तों का रेला है। श्रद्धालुओं को संभालना महाकुंभ प्रशासन के लिए मुश्किल हो रहा है इसीलिए प्रशासन ने श्रद्धालुओं से कहा है कि संगम के सभी घाट समान रूप से पवित्र हैं इसलिए भीड़भाड़ से बचने के लिए वो जिस घाट पर पहले पहुंचें, वहीं स्नान कर लें। ये भी कहा गया है कि बेवजह श्रद्धालु ज्यादा देर तक संगम क्षेत्र और घाटों पर ना रुकें। स्नान करें और अपने गंतव्य की ओर बढ़ते चलें।
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