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भोपाल: 8 मार्च 2025
आज अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर मिंटो हॉल (कुशाभाऊ ठाकरे कन्वेंशन सेंटर) में एक कार्यक्रम में शिरकत करते हुए मुख्यमंत्री मोहन यादव ने भारत सरकार और मप्र सरकार की महिलाओं के उत्थान और सशक्तिकरण के प्रति योजनाओं की प्रतिबद्धता की बात की। उन्होंने कहा कि प्रधान मंत्री मोदी ने जब से देश की कमान संभाली है महिलाओं के शशक्तिकरण में देश कई गुना आगे बढ़ा है। मुख्यमंत्री ने मप्र और भारत सरकार की कई योजनाओं का हवाला दिया जैसे उज्ज्वला योजना जिसकी वजह से करोड़ों महिलाओं को धुंए से मुक्ति मिली, नारी वंदन अधिनियम जिस से महिलाओं को लोकसभा और विधानसभाओं में 33% आरक्षण मिलेगा, नारी सम्मान योजना, लाडली लक्ष्मी योजना, मुख्यमंत्री कन्यादान योजना इत्यादि। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कई महिलाओं को विशेष पुरस्कार भी दिए।
आज के कार्यक्रम में मुख्यमंत्री की सुरक्षा से लेकर कार्यक्रम के संचालन और कार्यक्रमों की रूपरेखा सभी कुछ महिलाओं द्वारा किया गया, मुख्यमंत्री ने कहा कि आज उन्हें गौरव की अनुभूति हो रही है ये सब देखकर की महिलायें अब सभी प्रकार के कार्यों में दक्ष हैं।
आज मुख्यमंत्री ने कई बड़े निर्णयों को भी जनता के सामने रखा। उनमें से एक महिला अपराध और जबरन धर्मांतरण को लेकर भी निर्णय लिया गया। प्रदेश में जबरन धर्मांतरण के बढ़ते मामलों को देखते हुए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कड़ा रुख अपनाया है सरकार धर्मांतरण कानून में बदलाव कर रही है, जिसमें दोषियों को फांसी की सजा का प्रावधान किया जाएगा। यह कानून लागू होने पर मध्य प्रदेश देश का पहला राज्य बन जाएगा, जहां धर्मांतरण कराने वालों को इतनी कड़ी सजा मिलेगी। दरअसल प्रदेश में हाल ही में कई ऐसे मामले सामने आए हैं, जहां युवकों ने पहचान छिपाकर युवतियों से नजदीकी बढ़ाई, फिर दुष्कर्म कर धर्मांतरण का दबाव डाला, अब ऐसे दुष्कर्म और धर्मांतरण के मामलों में फांसी की सजा का प्रावधान करने का बयान देकर मुख्यमंत्री मोहन यादव ने बड़ा बयान दिया है।
धर्मांतरण पर फांसी की सजा के मुख्यमंत्री मोहन यादव के बयान पर कांग्रेस फिलहाल सीधे सीधे विरोध नहीं कर रही है, कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद इस मामले को कानून व्यवस्था और संविधान से जोड़ रहे हैं।
मप्र में धर्मांतरण को लेकर पहले से ही कानून है , जिसमे जबरन धर्मांतरण करवाने पर सजा और जुर्माने का भी प्रावधान है, मगर हाल ही में कुछ ऐसे मामले सामने आए हैं, जिसमे धर्म को छुपाकर शादी करने के बाद पत्नी पर धर्मांतरण करने का दबाव डाला गया, धर्म परिवर्तन नहीं करने पर प्रताड़ित भी किया गया, कई मामलों में बहला फुसलाकर या दबाव डालकर धर्म परिवर्तन और दुष्कर्म की कोशिश की गई। ऐसे मामलों में हिंदू संगठनों ने लव जिहाद की जांच और कड़ी सजा के प्रावधान की मांग की थी। सरकार इस तरह के मामलों पर सख्ती बरतने के लिए नए प्रावधान ला रही है ताकि जबरन धर्मांतरण को पूरी तरह रोका जा सके।
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