एम्स भोपाल की डॉ. रेखा लालवानी ने नवीन मस्तिष्क सेक्शनिंग उपकरण के लिए पेटेंट प्राप्त किया 

भोपाल: 18 मार्च 2025

एम्स भोपाल के कार्यपालक निदेशक प्रो. (डॉ.) अजय सिंह संस्थान में शैक्षणिक श्रेष्ठता और ज्ञान के आदान-प्रदान को एक प्रेरक परंपरा के रूप में विकसित कर रहे हैं। हाल ही में, डॉ. रेखा लालवानी, प्रोफेसर, शरीर रचना विज्ञान विभाग, को उनके अभिनव आविष्कार – मानव शव मस्तिष्क की स्लाइसिंग के लिए सीरियल सेक्शन कटर के लिए पेटेंट (पेटेंट नंबर 562575) प्रदान किया गया है। यह नवाचार चिकित्सा शिक्षा, फोरेंसिक अध्ययन और न्यूरोसर्जिकल प्रशिक्षण में एक महत्वपूर्ण प्रगति का प्रतीक है। सीरियल सेक्शन कटर पारंपरिक स्लाइसिंग विधियों से जुड़ी चुनौतियों का समाधान करके मस्तिष्क सेक्शनिंग में क्रांति लाता है। ताजे मस्तिष्क की जिलेटिन जैसी संरचना और चिकनाहट, यहां तक कि फॉर्मलिन-स्थिर होने के बाद भी, असंगत अनुभागों का कारण बनती है। डॉ. लालवानी का उपकरण एकसमान और सटीक कोरोनल स्लाइसिंग सुनिश्चित करता है, जिससे शारीरिक, रोगविज्ञान और फोरेंसिक परीक्षणों में स्थिरता, दक्षता और उपयोग में आसानी होती है। यह कटर एक संरचित ब्लेड असेंबली फ्रेम और एक ऊँचा होल्डर डिज़ाइन के साथ तैयार किया गया है, जो बेहतर नियंत्रण प्रदान करता है और ऊतक विकृति एवं मैन्युअल प्रयास को कम करता है। सर्जिकल-ग्रेड स्टील से निर्मित यह उपकरण टिकाऊ, ऑटोक्लेव योग्य और चिकित्सा प्रशिक्षण व अनुसंधान में अत्यधिक प्रभावी है।

इस महत्वपूर्ण उपलब्धि पर प्रो. (डॉ.) अजय सिंह ने प्रकाश डालते हुए कहा: “डॉ. रेखा लालवानी का यह अभिनव आविष्कार एम्स भोपाल की चिकित्सा अनुसंधान और तकनीकी प्रगति के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है। यह पेटेंटेड उपकरण एनाटॉमिकल अध्ययन, फॉरेंसिक जांच और न्यूरोसर्जिकल प्रशिक्षण की सटीकता को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इस तरह के नवाचार हमारे संस्थान की शैक्षणिक उत्कृष्टता और प्रभावशाली वैज्ञानिक योगदान के प्रति समर्पण को पुनः स्थापित करते हैं।” डॉ. लालवानी का आविष्कार चिकित्सा शिक्षा, फोरेंसिक पैथोलॉजी और न्यूरोसर्जरी के क्षेत्र में एक क्रांतिकारी बदलाव लाने वाला है। यह मस्तिष्क के सेक्शनिंग (विभाजन) के लिए एक मानकीकृत, सटीक और कुशल तरीका प्रदान करता है, जिससे इन क्षेत्रों में शोध, निदान और उपचार की प्रक्रिया और अधिक सुव्यवस्थित और प्रभावी हो जाएगी। यह उपलब्धि चिकित्सा विज्ञान में अनुसंधान और नवाचार के प्रमुख केंद्र के रूप में एम्स भोपाल की स्थिति को और मजबूत करती है।