एम्स भोपाल में ऑटिस्टिक प्राइड डे पर जन-जागरूकता अभियान का आयोजन

भोपाल: 18 जून 2025

एम्स भोपाल के कार्यपालक निदेशक प्रो. (डॉ.) अजय सिंह के मार्गदर्शन में संस्थान द्वारा 18 जून 2025 को ऑटिस्टिक प्राइड डे के अवसर पर एक विशेष जन-जागरूकता अभियान का आयोजन किया गया। यह दिवस विश्वभर में ऑटिज़्म स्पेक्ट्रम विकार (ASD) से जुड़े व्यक्तियों की विशिष्ट क्षमताओं, पहचान और अधिकारों को सम्मान देने हेतु मनाया जाता है। इस अवसर पर आम लोगों को ऑटिज़्म के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। ऑटिज़्म स्पेक्ट्रम विकार (ASD) एक ऐसा न्यूरोलॉजिकल विकासात्मक अंतर है, जिसमें व्यक्ति की सामाजिक बातचीत, संवाद, व्यवहार और सोचने के तरीके में सामान्य से भिन्नता देखी जाती है। इसे एक न्यूरो-विविधता माना जाता है — अर्थात दुनिया को समझने, अनुभव करने और प्रतिक्रिया देने का एक अलग लेकिन समान रूप से मूल्यवान तरीका। कुछ ऑटिस्टिक व्यक्तियों में विशेष क्षेत्रों में असाधारण क्षमताएं भी देखी जाती हैं। कार्यक्रम के अंतर्गत एम्स भोपाल के विशेषज्ञ डॉक्टरों द्वारा संवाद सत्र, जानकारीपूर्ण प्रदर्शनियाँ, और व्यावहारिक मार्गदर्शन सत्र आयोजित किए गए। इनमें ऑटिज़्म के प्रारंभिक लक्षणों की पहचान, इससे जुड़े सामाजिक और पारिवारिक पहलुओं की समझ, और सही सहयोग कैसे दिया जाए — इन सभी विषयों पर जानकारी दी गई। इस अवसर पर प्रो. (डॉ.) अजय सिंह ने कहा, “जागरूकता, समावेशी समाज की दिशा में पहला और सबसे महत्वपूर्ण कदम है। ऑटिस्टिक प्राइड डे हमें यह याद दिलाता है कि हर व्यक्ति को, चाहे वह न्यूरोलॉजिकल रूप से भिन्न क्यों न हो, बराबरी का सम्मान और अवसर मिलना चाहिए। जब हम ऑटिज़्म को एक कमी नहीं, बल्कि सोच और अनुभव करने की एक अलग शैली के रूप में समझते हैं, तब हम एक ऐसे समाज का निर्माण करते हैं जो मानवता से परिपूर्ण होता है।” यह अभियान आम नागरिकों को जागरूक करने के उद्देश्य से आयोजित किया गया, ताकि वे ऑटिज़्म से जुड़ी गलत धारणाओं को छोड़कर एक सहयोगी और संवेदनशील वातावरण बना सकें।