
इंदौर
रिटायर्ड थानेदार के बेटे ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। उसने आंखों पर रुमाल से पट्टी और हाथ मोबाइल चार्जर केबल से बांध लिए थे। पुलिस आत्महत्या के कारणों का पता लगा रही है। घर से 13 पन्नों का सुसाइड नोट मिला है लेकिन उसमें कोई खास वजह नहीं लिखी है। माता-पिता से माफी मांगी है। असफलता का जिक्र किया है।
खजराना पुलिस के मुताबिक घटना न्यायनगर की है। 24 वर्षीय हेमंत चौहान ने फांसी लगाई है। हेमंत मूलत: हरदा का रहने वाला था। वह इंदौर में निजी अस्पताल में नौकरी करता था। हेमंत न्यायनगर में रहने वाली बहन के पास रहता था। उसके जीजा रेडियोलाजिस्ट हैं। बच्चों की छुट्टियां होने के कारण बहन माता-पिता के पास हरदा गई हुई थी। जीजा अस्पताल चले गए थे।
शाम को छोटी बहन खाना बनाने के लिए आई तो देखा हेमंत फांसी पर लटका हुआ है। चाचा सुभाषसिंह राजपूत के मुताबिक हेमंत को किसी प्रकार की परेशानी नहीं थी। पिता एसआइ के पद से रिटायर हुए हैं। घर में इकलौता बेटा था।
कुछ समय पूर्व उसको खिरकिया में इलेक्ट्रानिक सामान की दुकान भी खुलवाई थी। घाटा होने के कारण दुकान बंद कर वह नौकरी करने लगा। उसके पास मिलें सुसाइड नोट में खास वजह नहीं मिली है। उसने यह जरूर लिखा है कि जीवन में जो करना चाहता था वह नहीं कर सका।
ठेकेदार की बेटी ने जहर खाकर की खुदकुशी
परदेशीपुरा थाना क्षेत्र में एक युवती ने जहर खाकर खुदकुशी कर ली। पुलिस ने मर्ग कायम किया है। पुलिस के मुताबिक युवती का नाम हिमांशी अनिल टटवाड़े है। उसके पिता ठेकेदारी करते है। रात में तबियत खराब होने पर छोटी बहन ने माता-पिता को बताया तो अस्पताल ले गए। पिता ने पुलिस को बताया कि हिमांशी ने क्यों जान दी यह उन्हें भी नहीं पता। लाक डाउन के दौरान 9वीं में फेल हुई थी। अभी 10वीं का प्राइवेट फार्म भरने वाली थी।
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