
भोपाल: 14 जून 2025
एम्स भोपाल के कार्यपालक निदेशक प्रो. (डॉ.) अजय सिंह के नेतृत्व में संस्थान लगातार सार्वजनिक सेवा और संस्थागत विकास के क्षेत्र में उल्लेखनीय पहल कर रहा है। इसी कड़ी में एम्स भोपाल ने 9 से 14 जून 2025 के मध्य ‘राष्ट्रीय कर्मयोगी जन सेवा कार्यक्रम’ के फेज-2 स्टेज-2 का सफल आयोजन किया। यह प्रशिक्षण दो बैचों में आयोजित किया गया, जिसमें कुल 53 प्रतिभागियों को कर्मयोगी फेसिलिटेटर के रूप में प्रशिक्षित किया गया। इस कार्यक्रम के प्रमुख प्रशिक्षक थे – डॉ. राजकुमार पाटिल (प्रोफेसर, सामुदायिक एवं पारिवारिक चिकित्सा विभाग); डॉ. मयंक दीक्षित (डिप्टी मेडिकल सुपरिटेंडेंट); और डॉ. संदीप हुलके (प्रोफेसर, फिजियोलॉजी विभाग) । भारत सरकार द्वारा प्रारंभ किए गए इस ‘राष्ट्रीय कर्मयोगी जन सेवा कार्यक्रम’ का उद्देश्य केंद्र सरकार के कर्मचारियों के दृष्टिकोण को आमजन केंद्रित बनाना तथा उनमें सेवा भावना और उत्तरदायित्व की भावना को जागृत करना है। एम्स भोपाल में आयोजित यह प्रशिक्षण कार्यक्रम इसी उद्देश्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम रहा, जिसका मुख्य फोकस प्रतिभागियों में ‘सेवाभाव’ विकसित करना था।
कार्यक्रम के दौरान प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए एम्स भोपाल के कार्यपालक निदेशक प्रो. (डॉ.) अजय सिंह ने कहा, “राष्ट्रीय कर्मयोगी जन सेवा कार्यक्रम जैसी पहलें सरकारी कर्मचारियों की उत्पादकता और प्रतिबद्धता को बढ़ाने के साथ-साथ आम जनता को समयबद्ध, प्रभावी और सहानुभूतिपूर्ण सेवाएं प्रदान करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। यह विकसित भारत के संकल्प की ओर एक सशक्त कदम है।” प्रतिभागियों ने इस कार्यक्रम की सराहना करते हुए बताया कि इससे उनके भीतर सेवाभाव जागृत हुआ और उन्होंने कार्यक्रम की लर्नर-सेंट्रिक पद्धति को अत्यंत प्रभावी पाया। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि इस प्रकार के प्रशिक्षण राज्य सरकार के कर्मचारियों के लिए भी आयोजित किए जाने चाहिए और स्कूल-कॉलेज स्तर पर भी सेवाभाव का बीजारोपण किया जाना चाहिए। इस प्रशिक्षण के उपरांत ये 53 कर्मयोगी फेसिलिटेटर एम्स भोपाल के लगभग 2500 कर्मचारियों को प्रशिक्षित करेंगे, जिससे इस कार्यक्रम का प्रभाव व्यापक स्तर पर पहुंचेगा।
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