December 1, 2025

एम्स भोपाल के कार्डियोलॉजी विभाग ने एक बच्चे में दुर्लभ इंट्राहेपेटिक पोर्टोकैवल शंट का पहला सफल ट्रांसकैथेटर क्लोजर किया

भोपाल: 07 जनवरी 2025

एम्स भोपाल के कार्यपालक निदेशक प्रो. (डॉ.) अजय सिंह के मार्गदर्शन में, संस्थान ने एक बार फिर चिकित्सा अनुसंधान, नवाचार और स्वस्थ्य देखभाल के क्षेत्र में अपनी उत्कृष्टता को साबित किया है। हाल ही में, एम्स भोपाल के हृदय रोग विभाग ने दुर्लभ पोर्टोकैवल शंट का पहला सफल ट्रांसकैथेटर क्लोजर किया है, जो पोर्टल वेन और हेपेटिक वेन के बीच असामान्य रक्त वाहिकाओं के जुड़ाव से संबंधित है। यह मध्य भारत में अपनी तरह की पहली ट्रांसकैथेटर क्लोजर है। 9 वर्षीय बालक एम्स भोपाल में अपने दाहिने पैर की चोट के इलाज के लिए आया था, जिसमें डिब्राइडमेंट की आवश्यकता थी। ऑपरेशन से पहले किए गए परीक्षणों में उसका ऑक्सीजन सैचुरेशन (SaO2) केवल 75% पाया गया और उसे नीलेपन की शिकायत थी। आगे के परीक्षण के लिए उसे हृदय रोग विभाग में भेजा गया। कार्डियोलॉजी विभाग के डॉ. भूषण शाह ने एक बबल कॉन्ट्रास्ट ईकोकार्डियोग्राफी अध्ययन किया, जिससे पल्मोनरी आर्टीरियोवीनस मालफॉर्मेशन (एवीएम) का पता चला। पेट के अल्ट्रासाउंड में लिवर में पोर्टोसिस्टमिक शंट की पुष्टि हुई। सीटी पल्मोनरी एंजियोग्राफी और कार्डियक सीटी ने डक्टस वेनोसस शंट की पुष्टि की। रोगी के उच्च अमोनिया स्तर, जो हेपेटिक एन्सेफैलोपैथी और पोर्टल हाइपरटेंशन का संकेत थे, के कारण त्वरित हस्तक्षेप की आवश्यकता थी। डॉ. भूषण शाह के नेतृत्व में कार्डियोलॉजी टीम ने डक्टस वेनोसस शंट का ट्रांसकैथेटर क्लोजर करने की योजना बनाई। यह प्रक्रिया गर्दन की नस के माध्यम से की गई और इंट्राहेपेटिक डक्टस वेनोसस में नितिनोल डिवाइस को सफलतापूर्वक स्थापित किया गया। फॉलो-अप एंजियोग्राफी ने पुष्टि की कि कोई अवशिष्ट शंटिंग नहीं थी, और क्लोजर के बाद के फॉलो-अप में मरीज के अमोनिया के स्तर सामान्य हो गए।

प्रो. सिंह ने इस उपलब्धि के महत्व पर जोर देते हुए कहा: “यह सर्जरी भारत में बाल हृदय रोग के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक कदम है। यह हमारे चिकित्सा दलों की तकनीकी विशेषज्ञता और समर्पण को दर्शाता है और यह भी साबित करता है कि एम्स भोपाल जटिल चिकित्सा समस्याओं के लिए अत्याधुनिक समाधान प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।” इस सर्जिकल टीम में कार्डियोलॉजी विभाग के डॉ. भूषण शाह, डॉ. सुदेश प्रजापति और डॉ. आशीष जैन के साथ कार्डियक एनेस्थेटिस्ट डॉ. हरीश शामिल थे।