Oplus_131072
भोपाल: 28 अप्रैल 2025
मप्र में ईडी ने जबरदस्त छापेमार कार्यवाही की। भोपाल, इंदौर, मंदसौर में लगभग 11 से ज्यादा ठिकानों पर शराब कारोबार से जुड़े लोगों पर कार्यवाही हुई। आबकारी विभाग में फर्जी एफडी को लेकर कार्यवाही की गई, माना जाता है कि सरकार को करोड़ो रु की वित्तीय हेराफेरी कर करोड़ों का चूना लगाया गया।
ईडी ने शराब ठेकेदारों के खिलाफ दर्ज एफआईआर के आधार पर मामले की जांच शुरू की है। इसमें ट्रेजरी चालान में जालसाजी और हेराफेरी करके सरकारी राजस्व को 49,42,45,615 रुपये का नुकसान पहुंचाने और वित्त वर्ष 2015-16 से वित्त वर्ष 2017-18 की अवधि के दौरान शराब अधिग्रहण के लिए अवैध रूप से अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) प्राप्त करने का आरोप है।
मामले में की गई जांच में पता चला कि आरोपी शराब ठेकेदार छोटी-छोटी रकम के चालान तैयार कर बैंक में जमा करते थे। चालान के निर्धारित प्रारूप में “रुपये अंकों में” और “रुपये शब्दों में” लिखे होते थे। मूल्य अंकों में भरा जाता था, हालांकि, “रुपये शब्दों में” के बाद खाली जगह छोड़ दी जाती थी। राशि जमा करने के बाद जमाकर्ता बाद में ऊपर बताए गए रिक्त स्थान में लाख हजार के रूप में बढ़ी हुई राशि लिख देगा और ऐसी बढ़ी हुई राशि के तथाकथित चालान की प्रतियां संबंधित देशी शराब के गोदाम में या विदेशी शराब के मामले में जिला आबकारी कार्यालय में जमा कर दी जाएंगी।
शिकायत की जांच के बाद ईडी के अफसरों की 18 टीमों ने, 71 करोड़ के आबकारी फर्जी बैंक चालान घोटाले के आरोपियों के साथ, आबकारी अफसरों के यहां आज सोमवार को सुबह रेड डाली। भोपाल, इंदौर के अलावा मंदसौर में भी तत्कालीन आबकारी अधिकारियों के यहां, जांच की जा रही है, साल 2014 से 2017 के बीच, चालान में शून्य बढ़ाकर, लगभग 71 करोड़ के राजस्व का चूना सरकार को लगाया गया था। मामले की जांच में शराब ठेकेदारों और आबकारी अधिकारियों की मिली भगत सामने आई थी, इंदौर के, तुलसी नगर स्थित रिटायर्ड आबकारी अधिकारी सुरेंद्र चौकसे के यहां कार्रवाई हुई।

More Stories
एम्स भोपाल में शासी एवं संस्थान निकाय की बैठक, मरीज सेवाओं के समग्र सुधार की भविष्य रूपरेखा पर विस्तृत चर्चा
26 नवम्बर से चलाया जा रहा सेफ्टी ड्राईव, भोपाल रेलवे मंडल की सुरक्षा को लेकर पहल
मध्यप्रदेश पुलिस की ताबड़तोड़ कार्यवाही से अपराधी पस्त