भोपाल स्टेशन पर संदिग्ध गतिविधियों में संलिप्त दो व्यक्तियों को आरपीएफ ने पकड़ा, रेलवे अधिनियम व बीएनएसएस के तहत की गई कार्रवाई

भोपाल: 12 जून 2025

भोपाल मंडल पर ‘ऑपरेशन यात्री सुरक्षा’ के अंतर्गत यात्रियों की सुरक्षा हेतु लगातार सतर्कता एवं गश्त अभियान चलाया जा रहा है। इसी क्रम में भोपाल रेलवे स्टेशन पर दो अलग-अलग संदिग्ध व्यक्तियों को आरपीएफ टीम द्वारा पकड़ा गया और आवश्यक विधिक कार्यवाही हेतु जीआरपी को सुपुर्द किया गया।

पहला मामला:

भोपाल पोस्ट के आरक्षक आर. कृष्ण कुमार, आर. सुनील और आर. हरिओम ने प्लेटफॉर्म क्षेत्र में एक संदिग्ध युवक को यात्रियों का सामान चोरी करने की नीयत से घूमते हुए पकड़ा। पकड़े गए व्यक्ति की पहचान शाहनवाज पुत्र रईस उद्दीन, उम्र 22 वर्ष, निवासी भोपाल के रूप में हुई। तलाशी के दौरान उसके पास से दो मोबाइल (मोटो और ओप्पो) बरामद किए गए, जो यात्रियों की जेब से चोरी किए गए प्रतीत हुए।

संदिग्ध युवक को अग्रिम कार्यवाही हेतु जीआरपी थाना भोपाल को सुपुर्द किया गया। हालांकि तत्काल कोई यात्री फरियादी के रूप में सामने नहीं आया, परंतु जीआरपी द्वारा धारा 170, 126, 135(3) बीएनएसएस के तहत मामला दर्ज कर कार्यवाही की गई।

दूसरा मामला:

इसी दिन सुबह 08:30 बजे, भोपाल स्टेशन के प्लेटफॉर्म क्रमांक 2/3 पर एक अन्य संदिग्ध व्यक्ति को यात्री सामान चोरी की नीयत से घूमते हुए पाया गया। आरक्षक कृष्ण कुमार द्वारा तत्परता दिखाते हुए उक्त व्यक्ति को पकड़ा गया। पकड़े गए व्यक्ति की पहचान दुर्गा प्रसाद मेहरा पुत्र बिहारी लाल, उम्र 40 वर्ष, निवासी भोपाल के रूप में हुई।

तलाशी के दौरान उसके पास कोई चोरी का सामान या यात्रा टिकट/अधिकार पत्र नहीं पाया गया। इस पर उसके विरुद्ध अपराध के तहत रेल अधिनियम की धारा 145 एवं 147 के अंतर्गत मामला पंजीबद्ध किया गया। बाद में उसे माननीय न्यायालय में प्रस्तुत किया गया, जहाँ से उसे 14 दिनों की न्यायिक अभिरक्षा में भेजा गया।

वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक श्री सौरभ कटारिया ने बताया कि भोपाल मंडल में आरपीएफ द्वारा यात्रियों की सुरक्षा को लेकर हर स्तर पर सतर्कता बरती जा रही है। रेलवे परिसरों में संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखने हेतु नियमित गश्त और निगरानी की जा रही है, जिससे इस प्रकार की घटनाओं पर तुरंत कार्रवाई की जा सके।

रेल प्रशासन यात्रियों से अपील करता है कि किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत नजदीकी आरपीएफ या जीआरपी स्टाफ को दें, जिससे समय रहते आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित की जा सके।