भोपाल: 04 दिसंबर 2025
मध्यप्रदेश पुलिस ने अपनी संवेदनशील, चुस्त, तकनीक-सक्षम और परिणाम आधारित पुलिसिंग का सशक्त प्रदर्शन करते हुए, मात्र दो घंटे के भीतर दो मासूम नाबालिग बच्चों को सुरक्षित ढूंढकर उनके माता-पिता को सौंपने में उल्लेखनीय सफलता प्राप्त की। आपसी रंजिश के चलते भोपाल ग्रामीण के थाना बैरसिया क्षेत्र से दो बच्चों को घर से उठाकर ले जाने की घटना ने चिंताजनक स्थिति पैदा कर दी थी, परन्तु पुलिस की त्वरित प्रतिक्रिया और सशक्त फील्ड एक्शन ने एक संभावित गंभीर अपराध को समय रहते रोक दिया।
फरियादी निवासी बसई, थाना बैरसिया ने रिपोर्ट दर्ज की थी कि रेखा अहिरवार, निवासी माल्थोन, जिला सागर, दो अन्य व्यक्तियों के साथ मिलकर उसके दो बच्चों (2 एवं 3 वर्ष) को घर से उठा ले गई है। जिस पर से थाना बैरसिया में अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। अपराध की गंभीरता को देखते हुए वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशन में एक विशेष टीम का गठन किया।
तकनीकी इनपुट, मोबाइल लोकेशन एनालिसिस, संदिग्धों के पूर्व व्यवहार का क्रॉस-मैपिंग, और फील्ड स्तर पर प्राप्त त्वरित सूचना के आधार पर पुलिस ने खोज अभियान को गति दी। जांच के प्रारंभिक चरण में यह महत्वपूर्ण जानकारी मिली कि आरोपी महिला की लोकेशन जिला विदिशा के थाना ग्यारसपुर क्षेत्र में सक्रिय है। इस आधार पर बैरसिया पुलिस ने तुरंत ग्यारसपुर थाना पुलिस से समन्वय स्थापित करते हुए एक संयुक्त टीम तैयार कर महिला आरोपी को पकड़ने की रणनीति बनाई।
लगातार समन्वय, सूझ-बूझ और अभियान की गंभीरता को देखते हुए किए गए त्वरित निर्णयों के परिणामस्वरूप, संयुक्त पुलिस टीम ने तीन आरोपी रेखा अहिरवार, अशोक कुशवाहा और मनीष आदिवासी को हिरासत में लेकर दोनों बच्चों को सकुशल बरामद किया। दोनों बच्चों की शारीरिक व मानसिक स्थिति का प्राथमिक स्वास्थ्य परीक्षण कराया गया, जिसमें वे स्वस्थ पाए गए। यह तथ्य स्वयं पुलिस की समयानुकूल कार्रवाई के महत्व को रेखांकित करता है। सभी आरोपियों के विरुद्ध थाना बैरसिया में प्रकरण दर्ज कर विवेचना की जा रही है।
इसी प्रकार उज्जैन पुलिस ने भी अपनी संवेदनशीलता, मानवीय दृष्टिकोण और त्वरित प्रतिक्रिया क्षमता का उत्कृष्ट प्रतिमान प्रस्तुत किया। उज्जैन के थाना देवासगेट पुलिस को देवासगेट बस स्टैंड क्षेत्र में लगभग 3 और 4 वर्ष के दो मासूम बच्चे बिना किसी अभिभावक के ठंड में ठिठुरते मिले। दोनों बच्चे कम उम्र के कारण अपना पता स्पष्ट रूप से बताने में असमर्थ थे। पुलिस टीम ने दोनों बच्चों को तत्काल अपने संरक्षण में लेकर शहर के बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन तथा मुख्य मार्गों पर स्थापित लगभग 60 CCTV कैमरों के फुटेज का गहन विश्लेषण किया। लगातार प्रयासों के बाद पुलिस टीम बच्चों की मां—गौरी पति आकाश माली, निवासी छत्रीबाग, इंदौर—तक पहुँचने में सफल रही। थाने में बच्चों एवं उनकी माता को भोजन, गर्म कपड़े, आवश्यक सहयोग और संपूर्ण मानवीय सहायताएँ उपलब्ध कराई गईं। स्वास्थ्य परीक्षण के उपरांत दोनों बच्चों को सुरक्षित उनकी माता के सुपुर्द कर दिया गया।
इन दोनों कार्रवाईयों ने यह स्पष्ट कर दिया कि मध्यप्रदेश पुलिस न केवल कानून-व्यवस्था की संरक्षक है, बल्कि नागरिकों—विशेषकर बच्चों और महिलाओं की सुरक्षा के प्रति गहरी मानवीय संवेदनशीलता रखती है। चार मासूम बच्चों की सकुशल बरामदगी केवल एक उपलब्धि नहीं, बल्कि प्रदेश में जन-विश्वास, सुरक्षा भावना और मध्यप्रदेश पुलिस की जनसेवा की प्रतिबद्धता का उज्ज्वल प्रमाण है।

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